| 1. | (१ ७) गुण वाचक संस्कृत शब्द
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| 2. | संस्कृत शब्द गुण वाचक, अर्थ-वाचक, अर्थ-बोधक, अर्थ-वाही होता है।
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| 3. | संस्कृत में, गुण वाचक अर्थ भर कर शब्द रचने की परम्परा है।
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| 4. | हम तो नामों को श्रद्धावाचकऔर गुण वाचक बनाते हैं, ताकि हमारे जीवन में वैसे ही गुण आ जाएं।
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| 5. | ब्रह्मा विष्णु आदि यह ईश्वर के गुण वाचक नाम है ईश्वर एक चेतन निराकार शक्ति का नाम है!
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| 6. | इस से स्पष्ट होता है कि आर्य और दस्यु शब्द गुण वाचक हैं, जाति वाचक नहीं हैं |
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| 7. | हम तो नामों को श्रद्धावाचक और गुण वाचक बनाते है, ताकि हमारे जीवन में वैसे ही गुण आ जाएं।
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| 8. | जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रूप, रंग आदि का बोध होता है, उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं।
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| 9. | परमा दर्नीय श्री केवल जी, यह ब्रह्मा विष्णु आदि नाम ईश्वर के गुण वाचक नाम है इनकी कोई स्वतंत्र सत्ता नही है!
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| 10. | ब्रह्मा विष्णु आदि यह ईश्वर के गुण वाचक नाम है ईश्वर एक चेतन निराकार शक्ति का नाम है! पता नही अपना समाज इन कल्पित देवी देवताओ से कब मुक्ति पा सकेगा!
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